
एलॅन्स पब्लिक स्कूल में “पालन-पोषण मेरी जिम्मेदारी है” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन
दिनेश दुबे 9425523689
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*एलॅन्स पब्लिक स्कूल में “पालन-पोषण मेरी जिम्मेदारी है” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन*
बेमेतरा 12.04.2023 एलॅन्स पब्लिक स्कूल बेमेतरा में “पालन-पोषण मेरी जिम्मेदारी है” विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन दिनांक 12-04-2023 को किया गया। डॉ. सत्यजीत होता, प्राचार्य व अभिभावकों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया।
*डॉ. सत्यजीत होता ने कहा कि एक सफल अभिभावक वह है जो हमेशा बच्चे के हित में सकारात्मक निर्णय लेने की पूरी कोशिश करता है और सोचता है कि पालन-पोषण मेरा अधिकार नहीं है बल्कि इसे एक दैवीय जिम्मेदारी मानता है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा कि बच्चों का लालन-पालन करते समय हमें सकारात्मक पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे प्रतिदिन कुछ समय अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए निकालना, उन्हें हमेशा सच बोलने के लिए प्रेरित करना और उनके प्रति अनुशासित रहकर संबंध बनाकर रखना चाहिए। सुधार और कनेक्शन सिद्धांत के अनुसार सकारात्मक सोच रखें, बच्चों को जीने के बेहतर तरीके बताएं, उन्हें सही और गलत का एहसास कराएं, बच्चों की जरूरतों और इच्छाओं में अंतर बताएं, उन्हें समझाएं कि जरूरतें पूरी हो सकती हैं लेकिन इच्छाएं असीम है। उन्हें उनका हुनर विकसित कर सीखते हुए कमाई का मंत्र दें। हमें उनकी असीमित इच्छाओं को नियंत्रित करना होगा। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को भय से मुक्त रखें और उन्हें जीवन के आचरण के अनुसार स्वतंत्रता दें। जीवन में धैर्य, साहस, दया, क्षमा और करुणा का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें। अभिभावकों को मंच पर बुलाकर कोल्ड ड्रिंक व बिसलेरी की बोतल का उदाहरण देकर उन्हे गतिविधियों के माध्यम से बच्चों के साथ कोल्ड ड्रिंक की तरह अत्यधिक प्रतिक्रियाशील न होकर सहज रूप से बच्चो की समस्याओ का समाधान ढूँढने की सलाह दी गई। प्रभावी पेरेंटिंग टिप्स जैसे बच्चों के लिए रोल मॉडल बनना, बच्चों में स्वाभिमान को बढ़ावा देना, नकारात्मक टिप्पणियों के बजाय उनकी प्रशंसा करना और अन्य बच्चों के साथ उनकी तुलना न करने पर भी चर्चा की गई। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को उनकी व्यक्तिगत रुचि और क्षमताओं के अनुसार मार्गदर्शित करें, कभी भी बच्चों पर नियंत्रण न रखे। माता-पिता को यह महसूस करना होगा कि उनके बच्चे अद्वितीय हैं इसलिए उन्हें अपने बच्चों को आधुनिक दुनिया की बुराइयों और ग्लैमर से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि बच्चों को सचेत और धर्मपरायण बनाना चाहिए। माता-पिता को सलाह दी कि वे इस तरह से पालन-पोषण करें कि बच्चे आने वाली पीढ़ियों को अपने पालन-पोषण की कहानियां सुना सकें। शिक्षकों और अभिभावकों को सलाह दी गई कि वे छात्रों को ज्ञान के साथ भक्ति से जोड़ें। अपने सुझाव देते हुए बच्चों से कहा कि माता-पिता से कोई भी आरोप न छुपाएं, माता-पिता के साथ अपराध साझा करने का साहस रखने के लिए प्रेरित किया। कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों ने आधुनिक समय में बच्चों की परवरिश में आ रही दिक्कतों और बच्चों के व्यवहार में आ रहे बदलाव को साझा किया। अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में प्राचार्य महोदय से प्रश्न किए गए। प्राचार्य ने अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के कई उपाय बताए और अभिभावकों के महत्वपूर्ण दायित्वों को निभाने के लिए प्रेरित किया।
*कार्यक्रम का सफल मंच संचालन टी. श्रीनिवास राव एवं श्रीमती पुष्पलता पटले ने किया, एवं श्रीमती सिमंतिनी ठाकुर, अभिषेक मिश्रा, हरिओम सोनी, एवगेंद्र दास, बलबीर सिंह, रणजीत सिंह एवं श्रीमती नैन्सी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महती भूमिका निभाई। टी श्रीनिवास राव द्वारा प्रधानाचार्य, शिक्षकों और अभिभावकों को धन्यवाद प्रस्ताव दिया गया।
